वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२४ सितम्बर २०१८<br />अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा<br /><br />भजन:<br />माया महा ठगनी हम जानी।।<br />तिरगुन फांस लिए कर डोले<br />बोले मधुरे बानी।।<br />केसव के कमला वे बैठी<br />शिव के भवन भवानी।।<br />पंडा के मूरत वे बैठीं<br />तीरथ में भई पानी।।<br />योगी के योगन वे बैठी<br />राजा के घर रानी।।<br />काहू के हीरा वे बैठी<br />काहू के कौड़ी कानी।।<br />भगतन की भगतिन वे बैठी<br />बृह्मा के बृह्माणी।।<br />कहे कबीर सुनो भई साधो<br />यह सब अकथ कहानी।।<br /><br />प्रसंग:<br />माया माने क्या?<br />क्या इस संसार में सिर्फ माया ही माया है?<br />माया - मोह से कैसे दूर रहे?<br />माया कहाँ है?<br />जब सत्य सभी जगह है फिर माया -माया क्यों नजर आता है?<br />ऐसा कैसे है कि सत्य माया में छिपा नहीं वरन ज्ञात है?<br />मोह माया क्यों छोड़े?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते